डॉ राम विलास वेदांती

राम मंदिर आंदोलन से शुरुआती दौर से जुड़े रहे डॉ राम विलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को हुआ। वो हिंदू धार्मिक नेता रहे और 12 वीं लोकसभा के संसद सदस्य रहे। यूपी के प्रतापगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं और श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य हैं। राममंदिर आंदोलन में सक्रिय रुप से भाग लेने वाले पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने पहली बार प्रतापगढ़ जिले में कमल खिलाया था। वर्ष 1996 में मछली शहर और 1998 में जिले का सांसद चुने जाने के बाद मंदिर आंदोलन को धार देने के कारण उन्हें राम मंदिर जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। राजा-रजवाड़ों के इर्द-गिर्द घूमने वाली राजनीति में पहली बार प्रतापगढ़ बेल्हा के वोटरों ने भगवान राम के नाम पर संत को अपना जनप्रतिनिधि चुनकर देश के सबसे बड़े सदन में भेजा था।

यह वह समय था जब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने को लेकर एक जुनून चरम पर था। 1992 में राम मंदिर को लेकर भाजपा ने जो राजनीति गरमाई, उसने बेल्हा में पहली बार कमल खिलाया। 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उदयराज मिश्र को अपना प्रत्याशी बनाया था, मगर कांग्रेस प्रत्याशी रत्ना सिंह की जमीनी पकड़ के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मछली शहर से प्रत्याशी बनाए गए रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। मछली शहर संसदीय सीट में जिले की पट्टी और बीरापुर विधानसभा शामिल थी।

मंदिर आंदोलन में बढ़कर-चढ़कर हिस्सा लेने वाले रामविलास वेदांती वर्ष 1998 में प्रतापगढ़ संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जनता ने राम मंदिर के नाम पर उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया। रामलहर में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय राजा दिनेश सिंह की बेटी रत्ना सिंह को 1,64,467 मत मिले तो भाजपा प्रत्याशी राम विलास वेदांती को 2,32,927 मत मिले थे। भाजपा प्रत्याशी को यह जीत राम जन्मभूमि न्यास परिषद से जुड़े होने के कारण ही मिली थी।