महंत सत्येंद्र दास

सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी हैं. वे आज से नहीं बल्कि पिछले 32 सालों से रामलला की पूजा करते आ रहे हैं. रामलला की पूजा के लिए उनका चयन 1992 में बाबरी विध्वंस से 9 माह पहले हुआ था. सत्येंद्र दास की उम्र अब 80 वर्ष हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी उनके स्थान पर रामलला की पूजा के लिए अन्य मुख्य पुजारी का चयन नहीं हुआ बल्कि सत्येंद्र दास ही मुख्य पुजारी के रूप में नए मंदिर में रामजी की पूजा करेंगे.

सत्येंद्र दास जी ने खुद कहा था कि, मैंने रामलला की सेवा में लगभग तीन दशक बिता दिए हैं और आगे जब भी मौका मिलेगा तो बाकी जिंदगी भी उन्हीं की सेवा में बिताना चाहूंगा.

सत्येंद्र दास की जीवन: सत्येंद्र दास संत कबीरनगर के रहने वाले हैं. वे बचपन से ही अयोध्या में रहते थे. इसलिए उन्हें अपने आस-पास धार्मिक माहौल मिला था. अभिदास जी जिन्होंने 1949 में रामजन्म भूमि के गर्भगृह में मूर्तियां रखी थी, ये उनसे काफी प्रभावित हुए. अभिदास जी का सत्येंद्र दास के पिता से संपर्क अच्छा था.

सत्येंद्र दास जी पर धर्म व आध्यात्म का गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने पिता के समक्ष संन्यासी बनने की इच्छा जताई. पिताजी ने भी कोई विरोध नहीं किया बल्कि उन्हें बहुत खुशी हुई. इसके बाद सत्येंद्र दास जी भगवान की सेवा के लिए चले गए.