पंडित प्रेम दास शास्त्री जी हनुमान गढ़ी के पुजारी हैं। वे आज से नहीं बल्कि पिछली बार से हनुमान गढ़ी की पूजा करते आ रहे हैं।
पंडित प्रेम दास शास्त्री ने खुद कहा था कि, मैंने हनुमान की सेवा में लगभग कई दशकों के अवशेष दिए हैं और आगे जब भी मौका मिलेगा तो शेष जीवन भी नींद की सेवा में शामिल करना चाहता हूं।
जीवन परिचय: प्रेम दास जी शास्त्री गोंडा के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही अयोध्या में रहे थे। इसलिए उन्हें अपने आस-पास धार्मिक माहौल मिला था.
प्रेम दास शास्त्री जी पर धर्म और अध्यात्म का गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने पिता के संत संत बनने की इच्छा जताई। पिताजी ने भी कोई विरोध नहीं किया बल्कि उन्हें बहुत खुशी हुई.। इसके बाद प्रेम दास शास्त्री जी हनुमान की सेवा के लिए चले गए।