श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर में बने सभी 16 मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। वर्तमान में सभी मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य अभी जारी है। अक्टूबर में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर मंदिर की पताका भी फहराई जाएगी। राम मंदिर के परकोटे का निर्माण कार्य इन दिनों तेजी से चल रहा है। परकोटा 14 फीट चौड़ा और 732 मीटर लंबा बनाया जा रहा है।
परकोटे में की गई है सुंदर नक्काशी
राम मंदिर की तरह पिंक सैंडस्टोन से निर्मित इस परकोटे में सुंदर नक्काशी की गई है, जिसमें भगवान राम के जीवन से जुड़ी लीलाओं के दर्शन होंगे। परकोटे में बने 6 मंदिरों, शिवलिंग, सूर्य भगवान, गणपति, हनुमान, मां भगवती और अन्नपूर्णा में 5 जून 2025 को मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। इन सभी मंदिरों के शिखर भी बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा, परिसर में सप्त ऋषियों के सात मंदिर और शेषावतार मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। चंपत राय ने कहा कि इन मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अभी इंतजार करना होगा।
पहली मंजिल पर सजा है राम दरबार
वर्तमान में रोजाना 80,000 से 1 लाख श्रद्धालु राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह में विराजमान भगवान राम के दर्शन कर रहे हैं, जहां भगवान बाल रूप में विराजमान हैं। पहली मंजिल पर राम दरबार सज चुका है, जहां राजा राम, मां सीता, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण और हनुमान जी विराजमान हैं। ये सभी मूर्तियां मकराना के सफेद मार्बल से तराशी गई हैं। भगवान राम और सीता की मूर्ति एक ही पत्थर से बनाई गई है। राम दरबार में भगवान राम की मूर्ति आशीर्वाद की मुद्रा में साढ़े चार फीट ऊंची है, जो साढ़े चार फीट के सिंहासन पर विराजमान है। भरत और हनुमान दास भाव में चरणों के पास हैं, जबकि लक्ष्मण और शत्रुघ्न पीछे खड़े हैं।
बुजुर्गों की सुविधा के लिए लगाई जाएगी लिफ्ट
राम दरबार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 40 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। मार्बल से बनी इन सीढ़ियों पर अभी घिसाई का काम चल रहा है। ट्रस्ट के अनुसार, राम दरबार में दिनभर में केवल करीब 1,000 लोग ही दर्शन कर पाएंगे। बुजुर्गों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाने का काम अभी बाकी है। राम मंदिर के 5 शिखर इसकी भव्यता को और बढ़ा रहे हैं। शिखर और ग्राउंड फ्लोर के दरवाजों पर करीब 45 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है।
‘अगले एक साल में पूरे हो जाएंगे सभी कार्य’
चंपत राय ने बताया कि अक्टूबर तक राम मंदिर का मुख्य निर्माण पूरा हो जाएगा, लेकिन परिसर के चारों ओर चार द्वार बनाए जाने हैं। एक द्वार बन चुका है, एक निर्माणाधीन है, और दो द्वार बनने बाकी हैं। ट्रस्ट का कार्यालय, विश्राम गृह, और ऑडिटोरियम भी निर्माणाधीन हैं। परिसर के चारों ओर दीवार का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। राय ने कहा कि ये सभी कार्य अगले एक साल में पूरे हो जाएंगे।