राम की पैड़ी

क्या है राम की पैड़ी?
राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे बसे घाटों में से एक है। कहते हैं कि श्रीराम इसी पैड़ी से होकर सरयू में स्नान करने जाते थे। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम के रूप में यहां अवतार लिया था। ऐसे में माना जाता हैं कि एक नियमित समय में स्नान करने से व्यक्ति के जन्मों का पाप धुल जाता है।

ये है पौराणिक कथा
राम की पैड़ी को लेकर एक पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है कहते हैं कि जब लक्ष्मण ने सभी तीर्थों में दर्शन करने का मन बनाया तो श्रीराम ने अयोध्या में सरयू किनारे तट पर खड़े होकर कहा था कि जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले इस जगह पर सरयू में स्नान करेगा। उसे समस्त तीर्थ में दर्शन करने के समान पुण्य मिलेगा।

माना जाता है कि सरयू के जिस तट पर श्रीराम ने ये बात कही वहीं आज राम के पैड़ी के नाम से प्रसिद्ध है. यही वजह है कि पूर्णिमा पर यहां स्नान का विशेष महत्व है.

राम की पैड़ी, जैसा कि अयोध्या में दिवाली समारोह के दौरान रात में देखा जाता है, लोगों को घाट पर दीया जलाते देखा जा सकता है ।

पवित्र सरयू नदी के किनारों पर विशाल स्नान घाट थे और नयाघाट भारी बारिश और बाढ़ में डूबे हुए थे। 1984-1985 की अवधि के दौरान यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री श्रीपति मिश्रा और उनके सिंचाई मंत्री श्री वीर बहादुर सिंह के संयुक्त प्रयास से सीढ़ियों के साथ एक नए घाट का निर्माण कराया था।