ऐसा माना जाता है कि वैरागी साधुओं ने धर्म की रक्षा के लिए अयोध्या में एक साथ गुट बनाकर रहना शुरू किया और इनके एक साथ रहने की वजह से अंग्रेजों के समय उनके रहने की जगह को छावनी कहा जाने लगा।
कुछ समय पहले तक अयोध्या में चार प्रमुख छावनियां थीं- तुलसी दास जी की छावनी, बड़ी छावनी, तपसी जी की छावनी और छोटी छावनी। तुलसी दास जी की छावनी खत्म हो गई। खत्म होने की कोई साफ-साफ वजह तो कोई नहीं बताता लेकिन अयोध्या के रहने वाले मानते हैं कि उस छावनी में संतों का जाना-आना बंद हुआ और फिर धीरे-धीरे उसका वजूद ही खत्म हो गया।
बाकी बची तीन छावनियां आज भी आबाद हैं।
छोटी छावनी
आज की तारीख में अयोध्या की सबसे महत्वपूर्ण यही छावनी है। बाकी सभी छावनियों की तुलना में यहां चहल-पहल ज्यादा रहती है। सीआरपीएफ के चार जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं। वजह ये है कि इस छावनी के वर्तमान महंत नृत्यगोपालदास हैं।
श्री मणि राम दास छावनी या छोटी छावनी (छोटी छावनी) विशेष रूप से राम जन्म भूमि विवाद के बाद अयोध्या में बहुत प्रसिद्ध स्थान है। वर्तमान महंत श्री नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और अभी भी हिंदू मुद्दों को लेकर सक्रिय हैं। इस मंदिर में आमने-सामने दो हवेलियाँ हैं। यह पुराना है और इसके सामने सफेद संगमरमर से बनी नई भव्य इमारत है। इसका केन्द्रीय कक्ष विशाल एवं लगभग 30 फुट ऊँचा है। इस भवन का नाम वाल्मिकी भवन है, जिसका नाम महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी के नाम पर रखा गया है। इसकी दो मंजिलों की दीवारों पर संपूर्ण वाल्मिकी रामायण अंकित है। केंद्रीय कक्ष के एक छोर पर भगवान राम के दो पुत्रों लव और कुश और उनके गुरु वाल्मिकी की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
राम मंदिर आंदोलन के अहम किरदार रहे अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास हैं और सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
इस छावनी को छोटी छावनी के नाम से ही अयोध्या में लोग जानते हैं, लेकिन कुछ साल पहले इसका नाम बदलकर श्री मणिराम दास छावनी कर दिया गया। बिना अपनी पहचान जाहिर किए एक संत इसकी वजह बताते हैं। वो कहते हैं, “हम तो छोटी छावनी ही जानते थे। कुछ साल पहले नाम बदल दिया गया। शायद महंत जी को छोटी छावनी कहने में अच्छा नहीं लगता होगा।”
अयोध्या की सभी छावनियों में आज इस छावनी का कद और प्रभाव सबसे ज्यादा है।